Sunday 12 February 2012

Hindi Proverbs related to Textiles-1



Here is a list of proverbs in Hindi which are related to Cloths and Stitching. Textiles being one of the basic necessities of life, the wisdom related to it find its role prominently in the proverbs and idioms in Hindi.



१. आँचल पसारना - भिक्षा माँगना

२. अपनी पगड़ी अपने हाथ - अपनी प्रतिष्टा अपने ही हाथ होती है.

आँख न दीदा काढ कसीदा - किसी कार्य को करने में समर्थ न हो कर उस कार्य को करने की चेष्टा करना.

४. आँखें बिछाना - प्रेम सहित आदर करना

५. आँखों पर पर्दा पड़ना - असावधान हो जाना

६ . आँखों की पट्टी खुलना- सचेत हो जाना

७. आकाश में थेगली लगाना - बड़ी चतुराई करना

८. आकाश फट पड़ना - अति वृष्टि होना

१०. आपस में गिरह पड़ना- मन मुटाव होना.

११. आये थे हरी भजन को औटन लगे कपास - किसी बड़े काम करने के लिए आये थे परन्तु तुच्छ कार्य करने लगे.

१२. आस्तीन चढ़ाना - लड़ने के लिए तैयार रहना

१३. आस्तीन में सांप पालना - छिपे दुश्मन को सहारा देना

१४. आस्तीन का सांप - कपटी मित्र

१५. उधेड़ बुन में लगना- चिंता फ़िक्र करना

१६. क़तर ब्योंत करना - कांट छांट करना

१७. कपडे उतारना - ठगना , लूटना

१८. कपास तौलना- मूर्ख होना

१९. करघा छोड़ जुलाहा जाये नाहक चोट बेचारा खाए - जो मनुष्य अपना काम छोड़ कर दूसरे प्रपंच में पड़ता है वह हानि उठाता है.

२०. कांख में कतरनी रखना - कपट रूप में हानि पहुँचाना

२१. ओढ़नी की बतास लगाना- स्त्री प्रेम में पड़ना

२२. कुन्दी करना - बहुत मारना पीटना

२३. खाइए मन भाता पहरिये जग भाता- अपनी रूचि के अनुसार भोजन और दूसरे की रूचि के अनुसार वस्त्र पहनने चाहिए

२४. गगनभेदी पताका फहराना - प्रभाव सहित शासन करना.

२५. गठरी मारना- माल चुरा लेना

२६. गधा खेत खाए जुलाहा मारा जाये - अपराध कोई करे और दंड किसी दूसरे को दिया जाये

२७. गाँठ में जमा तो खातिर जमा - पास में धन होने से किसी बात की फ़िक्र नहीं रहती.

२८. गाँठ काटना- बहुत महंगा बेचना

२९. गाँठ खुलना- झंझट दूर होना

३०. गाँठ में बांधना - अच्छी तरह से याद रखना

३१. गाँठ लेना - अपने पक्ष में कर लेना

३२. गाँठ पर गाँठ पड़ना - झंझटें बढ़ जाना

३३. गाँठ का पूरा - बड़ा अमीर.

३४. गिरह टटोलना - कुछ लेने की इच्छा करना

३५. गुदरी का लाल - किसी के  रंग रूप से उसके गुणों का पता नहीं चलता

३५. घी भी खाओ और पगड़ी भी रखो - मनुष्य को इतना धन खर्च करना चाहिए कि बाहर मान मर्यादा बनी रहे.

३६. चादर उतार डालना - बेशर्म होना

३७. चादर तानकर सोना - निश्चिन्त हो जाना

३८. चादर के बाहर पैर फैलाना - आय से अधिक खर्च करना

३९. चादर देखकर पाँव फैलाना- शक्ति के अनुसार काम करना

४०. जब तक जीना तब तक सीना - ज़िन्दगी भर संसारी झंझटें लगी ही रहतीं हैं

४१. जूँ के डर से गुदड़ी नहीं जाती - थोड़े से कष्ट के लिए काम नहीं छोड़ा जाता

४२. जेब से जाना - खर्च होना

४३ जैसा देश वैसा वेश बनाना - स्थिति के अनुसार काम करना

४४. ज्यों ज्यों भीजे कामरी, त्यों त्यों भारी होए - कर्ज अदा न करने पर वह बढ़ता ही जाता है.
४५. झंडा गाड़ना - अधिकार स्थापित करना

४६. टांके खोलना - गुप्त बातों को प्रकट करना

४७ टेढ़ी टोपी लगाना - शान दिखलाना

४८. टोपी उछालना - आनंद का प्रदर्शन करना

४९. टोपी बदलना- किसी मनुष्य को अपना मित्र बना लेना.

५०. दरजी की सूई कभी ताश में कभी टाट में - कामकाजी मनुष्य कभी बेकाम नहीं रहता

Updated on 15th Feb, 2012

Contributed by Anonymous

५०    इज्ज़त तार तार होना 
५२   द्रोपदी की साड़ी होना 
५३   धोती का रुमाल होना 
५४   बाँहे चढ़ाना 


Others


५५   सूत न कपास लट्ठम-लट्ठा 
५६   कसीदे काढना 


Contributed by Mr. Arun Aggarwal- Bhagalpur


५७ गज फाड़कर गिरह बचाना - छोटे फायदे के लिए बड़ा नुक्सान करना

Others- 26th February,2012

५८ सूरदास की काली कमरी चढ़े न दूजो रंग- Black will take no other Hue
५९ तेते पाँव पसारिये जेती लम्बी सौर - Cut your coat according to your cloth.
६० नाचने उठे तो घूंघट कैसा - He who would catch fish must not mind getting wet.

27th February 2012

६१. कोल्हू काट कर मोगरी बनाना - कपडे पीटने वाले डंडे को मोगरी कहते हैं. : छोटे फाएदे के लिए बड़ा नुकसान करना .

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